Monday, October 8, 2018

पति पर पत्नी के द्वारा झूठा केस करना माना जाएगा क्रुअल्टी, होगा तलाक का आधार : सुप्रीम कोर्ट

तलाक के एक मामले मे सुनवाई करते हुए झूठी शिकायत को आधार बनाते हुए शीर्ष अदालत ने पति के फेवर में तलाक की डिक्री पारित की। लेकिन साथ ही कोर्ट ने कहा कि महिला के सम्मानजनक जीवन की जरूरतों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने पति को निर्देश दिया कि वह पत्नी को 50 लाख रुपये एक मुश्त गुजारा भत्ता और एक करोड़ की कीमत का फ्लैट दे। जस्टिस एके गोयल की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, 'न्यूजपेपर में रिपोर्ट है कि पत्नी को पति के परिजनों ने पीटा और वह अनाथ की तरह रह रही है। पत्नी ने इस बारे में हाई कोर्ट से शिकायत की। जिसके बाद पुलिस जांच में केस झूठा साबित हुआ। फिर पति पर जबरन घर में घुसने और मारपीट का केस दर्ज कराया और पुलिस ने छानबीन में पाया कि केस झूठा है और महिला ने खुद ही खुद को चोट पहुंचाई थी। इससे साफ है कि पत्नी ने झूठे आरोप लगाए। हो सकता है कि तलाक की अर्जी के बाद वह गुस्से में केस किया हो, लेकिन पत्नी को इस आड़ में इसकी इजाजत नहीं मिल सकती कि वह झूठा केस करे।' महिला के वकील ने कहा कि मेरी मुवक्किल (पत्नी) की गलती नहीं है और वह शादी में बने रहना चाहती है ऐसे में अर्जी खारिज होनी चाहिए, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस दलील को नकार दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई आरोप लगाता है और इस पर कोई एक्शन न हो और ट्रायल के बाद आरोपी बरी हो जाए तो ऐसे आरोप क्रुअल्टी नहीं भी हो सकते हैं, लेकिन झूठी शिकायत की गई हो जिसमें कोई संदेह नहीं है तो ऐसी शिकायत क्रुअल्टी के दायरे में आएगी है। बताते चलें कि इस वक्त महिला अपने पति की मां की प्रॉपर्टी में रह रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पति को निर्देश दिया कि वह अपनी पत्नी को उसी इलाके में एक करोड़ का फ्लैट दे और इसके लिए फंड ट्रांसफर करे और तब तक महिला उसी घर में रहेगी। क्या है मामला? 1989 में कपल की शादी हुई थी। शादी के बाद 1990 में बच्चे हुए। 1999 तक सबकुछ ठीक चला। बाद में दोनों पति के पैरेंट्स से अलग दूसरे घर में रहने लगे। 19 मार्च, 2000 को पति ने पत्नी का साथ छोड़ दिया और 25 मार्च को तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। साथ ही उसने सीएम से लेकर राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तक को पत्र लिखा। मामले की छानबीन हुई और तमाम शिकायतें झूठी पाई गईं। फिर महिला ने जबरन घर में घुसने और मारपीट का पति पर आरोप लगाया। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन की और पाया कि पत्नी ने खुद ही अपने को चोट पहुंचाई और झूठे आरोप लगाए। पति ने क्रुअल्टी को बनाया आधार इसके बाद पति ने तलाक के लिए क्रुअल्टी का ग्राउंड लिया। पति ने कहा कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज कराया और उसकी मानहानि की है और ऐसे में यह क्रुअल्टी का मामला बनता है। ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 

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